गुरुवार, 25 सितंबर 2025

नचिकेता का दूसरा वर

 नचिकेता  का दूसरा वर :  स्वर्गसाधक अग्नि क्या है ? अब नचिकेता दूसरा वर मांगता है। 

स्वर्गलोक में किसी प्रकार का भय नहीं है।  न वहां तूँ  है  और न इन दो से ही तो मनुष्य डरता है। वहां मृत्यु से  भी भय नहीं।  यहां  बृद्धावस्था  से भी भय नहीं। इस प्रकार यमाचार्य ने नचिकेता को लोक की अर्थात स्वर्गलोक की साधक उस आदि अग्नि का उपदेष दिया। 

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