भारतीय दर्शन का सारतत्व:-
अयं निज: परोवेति गणना लघु चेतसाम्!
उदार चरितानाम् तु ,वसुधैव कुटुम्बकम्!!
अर्थ:- "जो कहता हैकि यह मेरा है, वो तेरा है,ऐंसा व्यक्ति छुद्र है,ओछा है! और जो कहता है कि धरती पर सभी प्राणियों का बराबर हक है और पूरी मानवता एक परिवार है,वही उदार चरित्र वाला असल मानव है,वही असल हिंदू है!"
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