रविवार, 14 अप्रैल 2024

आर्यभट्ट

 दुनिया को गणित की मूल अवधारणा शून्य से परिचित करा कर आधुनिक विज्ञान को आधार देने वाले महान गणितज्ञ एवं खगोल शास्त्री आर्यभट्ट जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।

आचार्य आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ व खगोलशास्त्री थे। बीजगणित का प्रथम बार उपयोग आचार्य आर्यभट्ट ने ही किया था। अपनी प्रसिद्ध रचना "आर्यभटिया" में आचार्य श्री ने बीजगणित, अंकगणित और त्रिकोणमिति के 33 नियम बताये हैं। पाई ( pi) के मान का दशमलव के पाँच अंकों तक अनुमान इन्होंने ही लगाया था।
साइन की अवधारणा और त्रिभुज के क्षेत्रफल की गणना भी इन्होंने ही कि थी।
पृथ्वी गोल है और अपने धुरी में घूमती है, जिसके कारण दिन व रात होता है। ये सिद्धांत आचार्य आर्यभट्ट ने लगभग 1200 साल पहले प्रतिपादित कर दिया था। आचार्य आर्यभट्ट ने ये भी बताया था कि पृथ्वी गोल है औऱ इसकी परिधि 24853 मील है। आचार्य आर्यभट्ट ने ये भी बताया था कि चंद्रमा सूर्य की रोशनी से प्रकाशित होता है। आचार्य आर्यभट्ट ने यह सिद्ध किया था कि 1 वर्ष में 366 नही बल्कि 365.2951 दिन होते हैं।
May be an image of 1 person, temple and text that says 'महान् खगोलविद्-गणितजञ गणितजञ आर्यभट U'
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