दुनिया को गणित की मूल अवधारणा शून्य से परिचित करा कर आधुनिक विज्ञान को आधार देने वाले महान गणितज्ञ एवं खगोल शास्त्री आर्यभट्ट जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।
आचार्य आर्यभट्ट प्राचीन समय के महान गणितज्ञ व खगोलशास्त्री थे। बीजगणित का प्रथम बार उपयोग आचार्य आर्यभट्ट ने ही किया था। अपनी प्रसिद्ध रचना "आर्यभटिया" में आचार्य श्री ने बीजगणित, अंकगणित और त्रिकोणमिति के 33 नियम बताये हैं। पाई ( pi) के मान का दशमलव के पाँच अंकों तक अनुमान इन्होंने ही लगाया था।
पृथ्वी गोल है और अपने धुरी में घूमती है, जिसके कारण दिन व रात होता है। ये सिद्धांत आचार्य आर्यभट्ट ने लगभग 1200 साल पहले प्रतिपादित कर दिया था। आचार्य आर्यभट्ट ने ये भी बताया था कि पृथ्वी गोल है औऱ इसकी परिधि 24853 मील है। आचार्य आर्यभट्ट ने ये भी बताया था कि चंद्रमा सूर्य की रोशनी से प्रकाशित होता है। आचार्य आर्यभट्ट ने यह सिद्ध किया था कि 1 वर्ष में 366 नही बल्कि 365.2951 दिन होते हैं।
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