गुरुवार, 16 नवंबर 2017

  1. बुरा बक्त किसी को बतलाकर नहीं आता।
  2. किया गया कुछ भी अपना बेकार नहीं जाता।।
  3. दूध के फट जाने पर दुखी होते हैं कुछ नादान,
  4. शायद  बापरों को रसगुल्ला बनाना नहीं आता।
  5. खुदा क्यों देता रहता खुदाई उनको इतनी सारी ,
  6. जिनको अपने सिवा कुछ और नजर नहीं आता।
  7. माना कि अभी बहारों का असर है फिजाओं में,
  8. फिर भी उन्हें गुलों से यारी निभाना नहीं आता।
  9. वेशक किसी से कोई गिला शिकवा न हो बंधूवर,
  10. लेकिन रूठों को मनाना तुम्हें बिल्कुल नहीं आता ।।
  11. खुदा की रहमत से बुलंदियों पर मुकाम है तुम्हारा ,
  12. लेकिन धरती पर पाँव ज़माना तुम्हें नहीं आता।
  13. क्या खाक करोगे उत्थान सृजन विकास मान्यवर,
  14. तुम्हें तो खेतों की सोंधी सुगंध में मजा नहीं आता।

  15. श्रीराम तिवारी

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