- बुरा बक्त किसी को बतलाकर नहीं आता।
- किया गया कुछ भी अपना बेकार नहीं जाता।।
- दूध के फट जाने पर दुखी होते हैं कुछ नादान,
- शायद बापरों को रसगुल्ला बनाना नहीं आता।
- खुदा क्यों देता रहता खुदाई उनको इतनी सारी ,
- जिनको अपने सिवा कुछ और नजर नहीं आता।
- माना कि अभी बहारों का असर है फिजाओं में,
- फिर भी उन्हें गुलों से यारी निभाना नहीं आता।
- वेशक किसी से कोई गिला शिकवा न हो बंधूवर,
- लेकिन रूठों को मनाना तुम्हें बिल्कुल नहीं आता ।।
- खुदा की रहमत से बुलंदियों पर मुकाम है तुम्हारा ,
- लेकिन धरती पर पाँव ज़माना तुम्हें नहीं आता।
- क्या खाक करोगे उत्थान सृजन विकास मान्यवर,
- तुम्हें तो खेतों की सोंधी सुगंध में मजा नहीं आता।
- श्रीराम तिवारी
गुरुवार, 16 नवंबर 2017
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