मंगलवार, 24 जनवरी 2012

जीवन के अनमोल सूत्र भाग -एक

[१]जो लोग दिल से भले होते हैं  अक्सर उनकी वाणी में उजड्डता और फूहड़पन झलकता है ये लोग बातों की मृगतृष्णा के बजाय   वक्त आने पर ऐसे मनुष्य मानव मात्र के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार  रहते हैं.
[२] सपनों को आँखों में न बसाइए,क्योंकि आँखों से बहने वाले आंसू उन सपनों को कभी भी बहाकर ले जा सकते हैं.सपनों को ह्रदय में स्थान दीजिये ताकि जब तक रहेगी जिन्दगी वो सपनों को पूरा करने में प्रेरणा स्त्रोत अवश्य बना रहेगा.
[3]  सब इंसान एक जैसे हैं ;फर्क सिर्फ इतना है की कुछ जख्म देते हैं,कुछ जख्म भरते हैं.हम सफ़र सब हैं फर्क सिर्फ इतना है किकुछ साथ देते हैं ;कुछ छोड़ दिया करते हैं.प्यार मोहब्बत सब करते हैं,फर्क सिर्फ इतना है कि कुछ जान दे  देते हैं; कुछ जान ले  लेते हैं.दोस्ती,  मित्रता ,यारी सब करते हैं फर्क सिर्फ इतना है कि कुछ तो निभाते रहते हैं,कुछ आजमाते रहते हैं.
[४] कोई भी इस जहां में पूर्ण और विशुद्ध नहीं है,यदि तुम इसलिए किसी आदमी  से दूर रहते हो कि वह  बुरा है ,तो तुम अकेले पड़ जाओगे . तुम्हारी भलाई इसी में है कि छिदान्वेशन से दूर रहो और सभी को खुद और खुदा के समान समझकर प्यार करो.
[५]  यदि आप मिलनसार और खुश मिज़ाज  किस्म के इंसान हैं और किसी को कुछ देना चाहते हैं तो उसे  सबसे अनमोल चीज दीजिये.वह अनमोल वस्तु है वक्त;जो आपके  पास ताजिंदगी है और किसी को दो या न दो खर्च तो अपने आप भी होता जाता है.यह आपकी  ओर से आपकी जिन्दगी का बेहतरीन तोहफा आपके निजानंद में योगदान अवश्य करेगा.
                                                                       श्रीराम तिवारी 

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