शनिवार, 2 अक्टूबर 2010

बापू को FEEL GOOD की बधाई ..


आदरणीय बापू सादर प्रणाम .....

जैसा की आपको सुविदित है की कुछ लोग वर्षों से आपकी समाधी पर जाकर मगरमच्छ के आंसू बहाया करते हैं, कुछ लोग़ जिन्होंने आपको जीते जी तो परेशान किया ही और अंत में आपको मौत के घाट उतार दिया -अब आपके सिद्धांतो में आस्था प्रकट करने लगे हैं। अदालतें भी अब बहुत जिम्मेदार और परिपक्व हो गईं हैं, वो जो अयोध्या वाला विबाद था न :अरे वही -मंदिर -मस्जिद वाला ...हाँ ..हाँ ..वही -उसके तीनों पक्षकार बहुत खुश हैं ...क्योंकि इलाहबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ खंडपीठ ने २:१से ऐसा फैसला सुनाया है की सारा भारत विगत ३० सितम्बर -२०१० से आज आपके जन्म की १४१ वीं जयंती की पुण्य वेला तक तो फील गुड में है ही... बाकी आगे की आप जाने ..क्योंकि आपकी तो सभी तक पहुँच है, सो जानवी, आप हिन्दू -मुस्लिम -सिख -ईसाई -सभी के भगवानों के प्रिय हैं इसलिए इन सबसे आपकी अच्छी पकड़ है।

आप से निवेदन है की भारत जैसे गरीब देश में अंध धार्मिक आस्था और इतिहास की भूलों के नाम पर कोई फसाद न हो इसके लिए ऊपर तक हमारी अर्जी पहुंचा दें ।

पूज्य बापू आपको यहाँ के संक्षेप समाचार सही -सही जानना हो तो लाइव इंडिया चैनल जरूर देखें। मैं मज़ाक नहीं करता ...आपको तो दिव्य दृष्टी प्राप्त है ..पूरा देश ३० सितम्बर को सहमा -सहमा था की -राम जाने ,अल्लाह जाने क्या होगा ?अयोध्या पर संभावित निर्णय के उपरांत की काल्पनिक विभीषिका ने हम सत्य -अहिंसा वादियों की नींद उड़ा दी थी। कुछ स्वयम्भू धर्म रक्षक हिदुत्व की आस्था के नाम पर जहर उगलते हुए तमाम -दृश्य --श्रव्य- छाप्य-पाठ्य मीडिया पर पसर चुका था किन्तु कुछ अभी भी आपके अहिंसा सिध्दांत पर अडिग थे -उनमें लाइव इंडिया, नई दुनिया, लोक लहर -देशाभिमानी और पीपुल्स डेक्रेसी जैसे सूचना स्त्रोत थे।

सभी धर्म निरपेक्ष जनता -किसान -मजदूर खुश हैं की उन्हें नाहक ही साम्प्रदायिक दंगों का शिकार नहीं होना पड़ा। हमें चिंता थी बापू की यदि किसी ने अफवाह फैला दी या फैसला एकदम एकपक्षीय हुआ तो क्या होगा, इस देश का और बापू परसों ३० सितम्बर से आज तक यदि ये देश उस शैतानी हिंसक ताकतों के हाथ होता तो आज आपको जन्म दिन पर क्या मुहं दिखाता ..अब सब ठीक है ..आपकी नई पीढी बहुत काबिल है -फासिस्टों और पाखंडियों को पहचानने की ओर अग्रसर है। आपका सपना पूरा होगा बापू ...देश में सभी धरम जात और नस्ल के लोग आपसी सौहार्द्र से रहने का अर्थ समझने लगे हैं ... वैसे आपसे एक शिकायत है की आपने जिन्दगी भर यही सपना क्यों देखा ? यह देश दुनिया के सबसे गरीब मुल्कों में अभी भी शुमार है ३० करोड़ जनता कुपोषण और लाचारियों की शिकार है ..व्यवस्था के नियंता पूँजी के तरफदार हैं ...मानवीय मूल्यों से वंचित बाज़ार है ...बापू इस दिशा में हम अब तक लाचार हैं ॥

आपका भजन ...ईश्वर -अल्लाह ..तेरे नाम ...और वैष्णव जन ...गाते हुए आज २ अक्तूबर -२०१० को FEEL GOOD हो रहा है।

आपके एक अहिंसावादी -धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण का सच्चा अनुयायी ...

6 टिप्‍पणियां:

  1. बापू! मै भारत का वासी, तेरी निशानी ढूंढ रहा हूँ.
    बापू! मै तेरे सिद्धान्त, दर्शन,सद्विचार को ढूंढ रहा हूँ.
    सत्य अहिंसा अपरिग्रह, यम नियम सब ढूंढ रहा हूँ.
    बापू! तुझको तेरे देश में, दीपक लेकर ढूंढ रहा हूँ.

    कहने को तुम कार्यालय में हो, न्यायालय में हो,
    जेब में हो, तुम वस्तु में हो, सभा में मंचस्थ भी हो,
    कंठस्थ भी हो, हो तुम इतने ..निकट - सन्निकट...,
    परन्तु बापू! सच बताना आचरण में तुम क्यों नहीं हो?

    उचट गया मन इस समाज से, देखो कितनी दूषित है.
    रीति-नीति सब कुचल गयी, नभ-जल-थल सभी प्रदूषित है.
    घूमा बहुत इधर उधर, मन बार - बार तुमपर टिकता है.
    अब फिर आ जाओ गांधी बाबा, मुझे तेरी बहुत जरुरत है.

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  2. धन्यवाद डॉ साहब, बापू को काव्यमय श्रध्दांजली देने के लिए... बापू आज भी प्रासंगिक है और कल भी रहेंगे।

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  3. बहुत बढ़िया सामयिक प्रस्तुति ....आभार

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  4. धन्यवाद महेन्द्र जी ब्लॉग से जुड़े रहें।

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  5. CONGRATULATIONS! The feelings of each and every indian over communal harmony has been expressed in a nice and crisp manner.Bapu has given us the basic idea of peace through non voilence which is a precondition to develop our country and erradicate the serious problems like poverty and others.So,we need to search a bit of Bapu present in our own heart voluntarily in situation like 30 th september to avoid reapeatition of past mistake.-GREAT BLOG SPOT-THANKS-vikram malviya BSNL

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