शुक्रवार, 25 जून 2010

बोलो बाबा राधे राधे .


डेंगू मलेरिया स्वान फ्लू का बुखार .अस्पतालों तक नहीं पहुँच पाते लाचार ।
सरकारी अस्पताल स्वयं बीमार .प्राइवेट नर्सिंग होम लूट का बाज़ार .
निर्धन जन करें हाहाकार .कब होगा कल्कि अवतार ।
क्रांति की चिंगारी भी कहीं बुझ न जाये दम साधे ।
बोलो बाबा राधे राधे । ।
कितनी ही चौड़ी सड़कें बनाते जाओ पर जाम बरकरार ।
फुटपाथों पर अतिक्रमण रोजी रोटी का तलबगार ।
यत्र तत्र नगर गाँव कचरे के ऊँचे उठते अम्बार .
विकास की गंगा का राजनेतिक दुष्प्रचार ।
सत्ता पर काबिज रहने के हथियार ।
जनता पिस रही शोषण का जुआ लादे लादे
बोलो बाबा राधे राधे ।
फासिस्टों की अपराधियों से,दोस्ती के इस्तहार ।
लोकतंत्र के खोल में साम्प्रदायिक बेक़रार ।
दिन दहाड़े घरों सड़कों पर इंसानियत तार तार
चेन स्नेचिंग अपहरण लूट हत्या बलात्कार ।
कदम कदम पर भय भूंख भ्रस्ताचार ।
भूमंडलीकरण का भक्तिगीत बेजार
लोग सुन रहे हैं क्यों ?दम साधे ।
बोलो बाबा राधे राधे .

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