बुधवार, 30 जून 2010
.श्रीराम तिवारी का एकल काव्य पाठ
इंदौर में तारीख २७ शनिवार को जनवादी लेखक संघ की स्थानीय इकाई के तत्वाधान में मेरा एकल काव्य पाठ रखा गया .इस अवसर पर जलेस प्रलेस के साहित्यिक मित्रों ने न केवल दत्तचित्त होकर मेरी छंद बध्द रचनाओं को सुना अपितु समवेत स्वरों में जमकर समालोचना भी की .प्रोफ .देवीप्रसाद मोर्य ने इस गरिमा माय कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सर्व श्री प्रोफ .सनत्कुमार प्रोफ गिरेंद्र्सिंग भदोरिया श्री त्रिपुरारारीलाल शर्मा प्रदीप मिश्र प्रदीप कान्त रजनीरमण शर्मा अब्ररार एहमद तथा अन्य अनेक बुद्धिजीवी और साहित्यकार उपस्थित हुए .परेश टोकेकर :संयोजक जनवादी लेखक संघ इंदौर ने आभार माना .
श्रीवर्धन त्रिवेदी को बधाई
द्रश्य मीडिया के बेजोड़ एंकर श्री श्रीवर्धन जी त्रिवेदी को उनके लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नामित किये जाने पर
जन काव्य भारती और जनवादी लेखक संघ की और से लख लख बधाई. श्रीवर्धन दादा के नाम से मशहूर श्री त्रिवेदी जी ने सन सनी कार्यक्रम को लोकप्रियता की जिस मंजिल तक पहुँचाया है निसंदेह वह कीर्तिमान का हक़दार है.
शुक्रवार, 25 जून 2010
आशियाँ होगा ज़रूर .
आज तो है रात काली ;कल सुबह होगी ज़रूर .ईश का क्या दोष इसमें ;कुछ हमारा भी कसूर ।
हरतरफ मातम यहाँ आज क्यों पसरा हुआ .स्वाधीनता के स्वप्न क्यों हो गए सब चूर चूर ।
मुश्किलों का सामना कल तक तो मिलकर ही किया;आज फिर क्यों एकता कोसों हुई है दूर दूर ।
ज़ुल्मतों के दौर को खाद पानी दे रहे ;अमराइयां सूनी पडी ,आसमान छूते खजूर ।
निर्धनों की बस्तियों में आफतों के जलजले ;धर्म के कानों भनक ;थोरी तो होगी ज़रूर ।
आज तो है तंगहाली फान्ककस्ती की फिजा ;कल किसी भी भोर में ,किलकारियां होंगी जरुर ।
मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ो ;कल किसी भी मोड़ पर आशियाँ होगा जरुर ।
बोलो बाबा राधे राधे .
डेंगू मलेरिया स्वान फ्लू का बुखार .अस्पतालों तक नहीं पहुँच पाते लाचार ।
सरकारी अस्पताल स्वयं बीमार .प्राइवेट नर्सिंग होम लूट का बाज़ार .
निर्धन जन करें हाहाकार .कब होगा कल्कि अवतार ।
क्रांति की चिंगारी भी कहीं बुझ न जाये दम साधे ।
बोलो बाबा राधे राधे । ।
कितनी ही चौड़ी सड़कें बनाते जाओ पर जाम बरकरार ।
फुटपाथों पर अतिक्रमण रोजी रोटी का तलबगार ।
यत्र तत्र नगर गाँव कचरे के ऊँचे उठते अम्बार .
विकास की गंगा का राजनेतिक दुष्प्रचार ।
सत्ता पर काबिज रहने के हथियार ।
जनता पिस रही शोषण का जुआ लादे लादे
बोलो बाबा राधे राधे ।
फासिस्टों की अपराधियों से,दोस्ती के इस्तहार ।
लोकतंत्र के खोल में साम्प्रदायिक बेक़रार ।
दिन दहाड़े घरों सड़कों पर इंसानियत तार तार
चेन स्नेचिंग अपहरण लूट हत्या बलात्कार ।
कदम कदम पर भय भूंख भ्रस्ताचार ।
भूमंडलीकरण का भक्तिगीत बेजार
लोग सुन रहे हैं क्यों ?दम साधे ।
बोलो बाबा राधे राधे .
सरकारी अस्पताल स्वयं बीमार .प्राइवेट नर्सिंग होम लूट का बाज़ार .
निर्धन जन करें हाहाकार .कब होगा कल्कि अवतार ।
क्रांति की चिंगारी भी कहीं बुझ न जाये दम साधे ।
बोलो बाबा राधे राधे । ।
कितनी ही चौड़ी सड़कें बनाते जाओ पर जाम बरकरार ।
फुटपाथों पर अतिक्रमण रोजी रोटी का तलबगार ।
यत्र तत्र नगर गाँव कचरे के ऊँचे उठते अम्बार .
विकास की गंगा का राजनेतिक दुष्प्रचार ।
सत्ता पर काबिज रहने के हथियार ।
जनता पिस रही शोषण का जुआ लादे लादे
बोलो बाबा राधे राधे ।
फासिस्टों की अपराधियों से,दोस्ती के इस्तहार ।
लोकतंत्र के खोल में साम्प्रदायिक बेक़रार ।
दिन दहाड़े घरों सड़कों पर इंसानियत तार तार
चेन स्नेचिंग अपहरण लूट हत्या बलात्कार ।
कदम कदम पर भय भूंख भ्रस्ताचार ।
भूमंडलीकरण का भक्तिगीत बेजार
लोग सुन रहे हैं क्यों ?दम साधे ।
बोलो बाबा राधे राधे .
गुरुवार, 24 जून 2010
आनर किलिंग का दूसरा पक्ष
आनर किलिंग पर लाइव इंडिया में डा प्रवीण तिवारी का प्रायोजित कार्यक्रम देखा .सभी सहभागियों ने एक स्वर में खाप पंचायतों के संविधानेतर सत्ता केंद्र बन जाने पर आपत्ति जताई .उधर मर्डर करने वालों ने भी बहादुरी ?से स्वीकार किया की हाँ हमने अपने कुटुंब के सम्मान की रक्षार्थ ऐंसा किया .भारत के महान्ययाबदी से लेकर अदना सा सामाजिक कार्यकर्त्ता और उधर पूरा का पूरा श्रव्य द्रश्य छप्या मीडिया गिरमा तोड़कर इस कुव्यवस्था ?पर प्रहार कर रहा है .मानो एक सकरात्मक क्रांति का आगाज़ बस होने ही जा रहा है.मेरा इन सभी व्यक्तियों संस्थाओं से अनुरोध है की दो प्रश्नों का संवैधानिक जबाब दें की यदि किसी परिवार की जवान लड़की को गुमराह कर कोई भगा कर ले जाए और वह रसूखदार हो पुलिश कानून पीड़ितों का उपहास करें तो भी क्या चुपचाप अन्याय सहना होगा .दूसरा सवाल की जो लोग अपने बेटा बेटियों को अपनी मन मर्जी से नैतिक अनितिक आचरण की छुट दें उनके सामाजिक बहिष्कार हो जाने के उपरांत शेष बच्चों के विवाह इत्यादि का संकट आने पर कोई बोध्धिकता काम नहीं आती .दूसरी और आनर किलिंग के दोषियों को सर पे बिठाने के लिए अनेक मिल जायेंगे .इस दिशा में सामाजिक संरक्ष्ण हेतु सत्ता प्र्तष्ठ्नो को आगे आना चाहिए .
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