शुक्रवार, 17 मई 2024

जीवन प्रत्याशा नंदन कानन में मुस्कराती है।

 हरेक रात के बाद फिर,नई सुबह जरूर आती है।

उम्र का काम है गुजर जाना,सो गुजर जाती है।।
अपनी ख्वाइशों को मोहब्ब्त का नाम न देना जी,
मोहब्बत इबादत है जो सबको सुर्खुरु बनाती है ।
जीवन का मुकाम है जीना सिखाये, प्रगति पथ,
जिंदगी की हर सफलता उस मोड़ पर लाती है।।
खुशबू कभी भी कम न हो उमङ्ग भरे जीवन की,
रिस्ता रूहानी हो तो जिंदगी सुर्खुरू हो जाती है।
जीवन की ढलती संध्या और राहत के कुछ क्षण,
तो जीवन प्रत्याशा नंदन कानन में मुस्कराती है।।
धरती अम्बर में देव पितर गंधर्व गाते हैं जय गान,
समवेत स्वरों में जीवन की शाम ढलती जाती है ।
हरेक रात के बाद फिर,नई सुबह जरूर आती है,
उम्र का काम है गुजर जाना सो गुजर जाती है।।
:-श्रीराम तिवारी।

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