मीडिया की ख़बरों के केंद्र में आजकल केवल बलात्कार है ।
दुनिया भर में "मेरा -भारत-महान " हो रहा शर्मशार है ।।
जनता 'सत्ता' को 'सत्ता' जनता को बताती कसूरवार है ।
चंद लोगों की भोग लिप्सा देख- देख कर आवाम बेक़रार है
नारी अंग प्रदर्शन बिना आज कोई विज्ञापन टिकता नहीं।
प्रतिस्पर्धा के बाज़ार में इसके बिना कोई माल बिकता नहीं।।
सूचना तंत्र की क्रांति, फिर भी वैचारिक भ्रान्ति- बरकरार है।
नैतिक मूल्यों का पतन इन सबके लिए 'व्यवस्था' जिम्मेदार है।।
श्रीराम तिवारी
दुनिया भर में "मेरा -भारत-महान " हो रहा शर्मशार है ।।
जनता 'सत्ता' को 'सत्ता' जनता को बताती कसूरवार है ।
चंद लोगों की भोग लिप्सा देख- देख कर आवाम बेक़रार है
नारी अंग प्रदर्शन बिना आज कोई विज्ञापन टिकता नहीं।
प्रतिस्पर्धा के बाज़ार में इसके बिना कोई माल बिकता नहीं।।
सूचना तंत्र की क्रांति, फिर भी वैचारिक भ्रान्ति- बरकरार है।
नैतिक मूल्यों का पतन इन सबके लिए 'व्यवस्था' जिम्मेदार है।।
श्रीराम तिवारी
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