बुधवार, 12 अक्टूबर 2011

शुक्रिया

सभी सुह्र्दय्जनों ,बंधुओं,मित्रों,प्रसंशकों का शुक्रिया.
      दोस्तों, मैं विगत दिनों इंदौर के राज्यश्री अस्पताल में  भर्ती था.मुझे अस्थमा ,उच्च-रक्तचाप,और चिकनगुनिया सब एक साथ हो गए थे.अत्यंत मर्मान्तक और असहनीय वेदना सहते हुए तीन महीने हो गए हैं.अभी शतांश ही स्वस्थ  हो पाया हूँ .इस बीमारी के दौरान जिन मित्रों,सपरिजनों,और शुभचिंतकों ने मेरा संबल बढाया,सहयोग दिया उनका तहेदिल से आभारी हूँ.
          सर्व श्री डॉ अशोक वाजपेई,श्री भदालेजी,दिनेश तिवारीजी,पुष्पेन्द्र सिंह जी,नरेन्द्रजी,किरणजी,उपाध्यायजी,कमल टटवडे जी,शेरुजी,पटोदिया जी,टोपोजी,लोदवालजी ,गंगमवार जी,चिदारजी अनिल जैन एसडीओ-खान साब,  एस डी ओ- श्रीमती दीप्तिमती शुक्लजी,प्रेम तिवारी जी,संतोष शर्माजी ,हाडा जी, कौशिक् जी,  सुधीर शर्मा जी,नेमीजी ,विपिनजी एवं अन्य उन सभी बंधुजनो,मित्रों का आभारी हूँ;जिन्होंने इस संकटकाल में प्रत्यक्ष व् परोक्ष सहयोग दिया.
            का. संपतराव, सर्कल सेक्रेटरी-आंध्र, का.नम्बूदिरी अध्यक्ष-बी एस एन एल इ यु तथा का.प्रकाश शर्मा का भी आभारी हूँ ; जिन्होंने होसला आफजाई की.
      चिरंजीव प्रवीन,पुत्रवधू अर्चना,पत्नी उर्मिला ,समधी  कीर्तिवल्लभ  जी, दोनों समधिन जी , छोटे समधी जी , सुधीर खर्कवाल जी, पुत्री अनामिका ,नाती अक्षत,और पौत्र चेतन्य के निरंतर स्नेह और प्यार ने मेरी जिजीविषा को साधा ,उन सभी को ढेर सारा प्यार.
        श्रीराम तिवारी शुक्रिया

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