शनिवार, 26 अक्तूबर 2019

खंडित विपक्ष

जो मित्रगण मौजूदा दौर की मेरी राजनीतिक समझ और तत्संबंधी पूर्वानुमान से सहमत नही हैं,वे विगत एक वर्ष पूर्व की मेरी पोस्ट पर पुन: गौर फरमाए!यह पोस्ट विगत लोक सभा चुनाव से महिनों पहिले प्रस्तुत की गई थी,जो आज महाराष्ट्र हरियाणा में विपक्ष की हार के विष्लेषण में भी प्रासंगिक है!
(24-10-2018)-
"जो लोग P.M.नरेंद्र मोदी की नीतियों और कार्यक्रमों के खिलाफ हैं और वे बाकई यदि मोदीजी से बेहतर नीतियां और कार्यक्रमों से लैस होकर सत्ता में आना चाहते हैं,तो उन्हें चाहिए कि वे मोदीजी के चाल-ढाल,पहनावे की आलोचना करने के बजाय,उनके भद्दे कार्टून बनाने के बजाय, उनकी भौगोलिक,जागतिकऔर ऐतिहासिक अज्ञानता का मजाक उड़ाने के बजाय कोई आदर्श विकल्प प्रस्तुत करें!
सत्ताके विरोधियों द्वारा जबतक मोदीजी की आक्रामक दक्षिणपंथी-विनाशकारी नीतियों के सापेक्ष कोई बेहतर वैकल्पिक नीति और कार्यक्रम आवाम के बीच ठीक से नहीं रखा जाता तथा जब तक मुख्यधारा का मीडिया व्यक्तिगत चाटुकारिता से ऊपर उठकर देश की आवाम के प्रति न्याययिक दृष्टिकोण नहीं अपनाता-तब तक हर वह नेता और दल जो मोदीजी और भाजपा से जूझ रहा है वह सिर्फ हारने को अभिशप्त है।
अभी तो मोदीजी का मजाक उड़ाने वाले लोग जनता की नजरों में विदूषक नजर आ रहे हैं !मोदीजी तो अपने आप को तेजी से बदल रहे हैं!वे चुपचाप अपने विरोधियों की हर चुनौती कबूल कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी के राजनैतिक तौर तरीके अत्यंत आधुनिक और कारगर हैं,जबकि उनके अधिकांस विरोधी निहायत लकीर के फ़कीर हैं!वे जुबानी जंग के कागजी शेर सावित हो रहे हैं।फिर चाहे कांग्रेस हो,चाहे जनता परिवार हो ,चाहे उद्धव और राज ठाकरे हों,चाहे प्रगतिशील वामपंथी हों या अल्पसंख्यक नेता हों -सभी ने मोदी की समय -समय पर खूब खिल्ली उड़ाई है। और भाजपा के क्षेत्रिय छत्रप भले जनता की नजर में गिर रहे हों ,किंतु मोदीजी की लोकप्रियता अभीभी बरकरार है?खंडित विपक्ष या अकेले कांग्रेस की उतनी तैयारी नहीं दिख रही कि 2019 में वे मोदीजी को हटाकर देश की बागडोर संभाल सकें!

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