सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी/अधिकारी आज 22 अगस्त और कल 23 अगस्त को हड़ताल पर रहेंगे .यह हड़ताल तथाकथित प्रतिगामी सुधारों और आउट सोर्सिंग जैसी अधोगामी सिफारिशों को क़ानूनी जामा पहिनाए जाने के विरोध में की जा रही है।' यूनाइटेड फोरम आफ बैंक युनियंस ' के झंडे तले हो रही इस राष्ट्र व्यापी हड़ताल के कतिपय निहतार्थ नितांत देशभक्तिपूर्ण और जनोन्मुखी हैं। मनमोहनसिंग जी के नेत्रत्व में यूपीए सरकार की आर्थिक नीतियों से भारत का अमीर वर्ग और ज्यादा अमीर और निर्धन वर्ग और ज्यादा निर्धन होता चला गया है। निजी क्षेत्र की बेंकों और विदेशी ह्म-रह्वरों के पूँजी निवेश के आकर्स्षण हेतु गठित खंडेलवाल कमिटी की अनुशंसाओं को यथावत लागू कराने की जल्द्वाजी में सरकार बेंकों की कर्मचारी/अधिकारी युनिय्नों से द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से चर्चा कर हल निकालने में असफल रही।परिणामस्वरूप उक्त राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान गया। तमाम हडताली साथियों को उनके बहादुराना संघर्ष के लिए !शुभकामनाएं
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