एक ध्रुवीय गतिज उर्जा के नकारात्मक परिणाम उसके सृजनहार द्वारा छुपाये नहीं छुप रहे हैं.सोवियत समाजवादी व्यवस्था की जड़ों में मठ्ठा डालने वालों को अब दुनिया भर में अपनी फजीहत कराने में भी शर्म नहीं आ रही है.पेंटागन आधारित और बहुराष्ट्रीय एकाधिकारवादी कम्पनियों द्वारा निर्धारित वैश्वीकरण की पूंजीवादी आर्थिक नीतियों के दुष्परिणाम अब अमेरिका तक सीमित नहीं रहे.श्री ओबामा जी लाख चाहें कि अमेरिका अपने संकट कोशेष विश्व के कन्धों पर लादकर अपने परंपरागत पूंजीवादी-साम्राज्यवादी निजाम को बरकरार रख ने में बार -बार कामयाब होता रहे,किन्तु नियति को या यों कहें कि आधुनिक विश्व चेतना को ये मंजूर नहीं.अमेरिकी प्रशासन को ज्ञात हो कि 'रहिमन हांडी काठ कि ,चढ़े न बारम्बार..'या 'ये इश्क नहीं आशां इतना समझ लीजे,इक आग का दरिया है;डूब के जाना है.' उधर आर्थिक संकट से जूझ रहे ग्रीस {यूनान}को राहत देने के लिए' यूरोप संघ 'ने प्रस्ताव का प्रारूप तैयार ही किया , कि इधर इटली ,फ़्रांस की आर्थिक बदहाली के अफ़साने भी मीडिया की जुबान पर आ ही गए.यूरोपीय यूनियन अर्थात यूरोजों के वित्त मंत्रियों की जनरल बॉडी मीटिंग के बाद सभी सम्बंधित देशों और उनके बैंकों को चेतावनी दी गई की वे अपने-अपने घाटे कम करें.ग्रीस के आर्थिक संकट ने न केवल यूरोपीय संघ ,न केवल उसके हमराहएवं घोर पूंजीवाद परस्त -सरपरस्त अमेरिका,बल्कि सारी वैश्विक वित्त मण्डली को बैचेन कर डाला है.पूरी दुनिया के पूंजीवादी अलमबरदार बड़ी -बड़ी बैंकों और पूँजी संचलन केन्द्रों पर दवाव बना रहे हैं कि इस अधोगति और बदनामी से बचाने के पूंजीवादी उपचारों को खंगालिए. ,हमारी ठेठ हिंदी में इसे यों कहा जाता है कि 'मस्के पाद महा पापी-उत्तम्पाद धड़कानाम' अर्थात अपान वायु को विसर्जित करने का अधम तरीका तो हुआ 'मसकैं-पाद' और उत्तम तरीका हुआ धड़कानाम !!!
चूँकि वर्तमान दौर के यूनानी आर्थिक संकट की धुरी विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के मार्फ़त सम्पूर्ण यूरोप और उसके सहयात्री अमेरिका के मर्मस्थल में धसी हुई है,अतएव यूरोपीय यूनियन पर दुनिया भर के सभ्रांत लुटेरों का बेजा दवाव है की इस मौजूदा आग की लपटों को फ़ौरन शांत किया जाए.यही वजह है कि लगभग दिवालिया हो चुकी इटली की अर्थ व्यवस्था और अधःपतन को प्राप्त हो चुकी फ़्रांस की अर्थ व्यवस्था के वावजूद यूरोपीय संघ द्वारा विगत सितम्बर में रोकी गई सहायता लगभग आठ अरब यूरो के रूप में ग्रीस को तत्काल दिए जाने का ऐलान किया जा रहा है.५.८ अरब यूरो की रुकी हुई मदद राशी भी शीघ्र जारी किये जाने की सम्भावना है.
यूनान की आंतरिक राजनीती का ज्वार भी उफान पर है.उपरोक्त ऋण राहत पैकेज पर जनमत संग्रह के ऐलान से बाज़ार हक्के-बक्के हैं.इससे यूरोप के नेता बेहद नाराज हैं.हलाकि फ़्रांस ने राहत पैकेज को अंतिम विकल्प बताया किन्तु स्वयम फ़्रांस की स्थिति ये है की निकोलस सरकोजी को स्वयम वेतन नहीं लेने की घोषणा करनी पड़ रही है.इटली की जर्जर आर्थिक दुरावस्था को स्थिरता प्रदान करने केलिए बर्लुस्कोनी शीर्षासनलगा रहे है.चौतरफा संकट की स्थिति में इटालियन बांड्स भारी दवाव में आ चुके हैं.यूरो क्षेत्र का संकट लगातार फैलता जा रहा है.डालर के मुकाबले यूरो की विनिमय दर घटकर १.३६०९ यूरो रह गई है.इस ताज़ा उठापटक से यूरोपीय बाज़ारों में ५%से ज्यादा गिरावट रेखांकित की गई है.इटली के लिए स्थिति असहज हो चुकी है.आम जनता सड़कों पर निकल चुकी है,फ़्रांस में हड़तालों का दौर जारी है.
उधर अमेरिका में २००८ की आर्थिक मंदी की मार के घाव भरे भी न थे किअचानक चार-चार विशालकाय बैंक धराशाई होते चले गए.इनके सहित मौजूदा आर्थिक सत्र में भूलुंठित बेंकों कि संख्या ८४ हो चुकी है .अमेरिका में आभासी वित्त पूँजी की अनुपलब्धता की वजह से बेंकों का कारोबारी संकट आम हो चला है.इससे पहले २०१० में १५७ अमेरिकी बैंकें अपना बोरिया बिस्तर बाँध चुकी हैं.अपने असीमित अंतर्राष्ट्रीय हितों के बहाने ,आतंकवाद से लड़ाई के बहाने ,दुनिया भर में थानेदारी का रौब बरकरार रखने के फेर में अमेरिका पूंजीवादी साम्राज्यवाद का सूर्यास्त निकट है.वाल स्ट्रीट कब्ज़ा करो 'आन्दोलन इस दिशा में क्रांति की भोर का तारासावित हो सकता है.
श्रीराम तिवारी
चूँकि वर्तमान दौर के यूनानी आर्थिक संकट की धुरी विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के मार्फ़त सम्पूर्ण यूरोप और उसके सहयात्री अमेरिका के मर्मस्थल में धसी हुई है,अतएव यूरोपीय यूनियन पर दुनिया भर के सभ्रांत लुटेरों का बेजा दवाव है की इस मौजूदा आग की लपटों को फ़ौरन शांत किया जाए.यही वजह है कि लगभग दिवालिया हो चुकी इटली की अर्थ व्यवस्था और अधःपतन को प्राप्त हो चुकी फ़्रांस की अर्थ व्यवस्था के वावजूद यूरोपीय संघ द्वारा विगत सितम्बर में रोकी गई सहायता लगभग आठ अरब यूरो के रूप में ग्रीस को तत्काल दिए जाने का ऐलान किया जा रहा है.५.८ अरब यूरो की रुकी हुई मदद राशी भी शीघ्र जारी किये जाने की सम्भावना है.
यूनान की आंतरिक राजनीती का ज्वार भी उफान पर है.उपरोक्त ऋण राहत पैकेज पर जनमत संग्रह के ऐलान से बाज़ार हक्के-बक्के हैं.इससे यूरोप के नेता बेहद नाराज हैं.हलाकि फ़्रांस ने राहत पैकेज को अंतिम विकल्प बताया किन्तु स्वयम फ़्रांस की स्थिति ये है की निकोलस सरकोजी को स्वयम वेतन नहीं लेने की घोषणा करनी पड़ रही है.इटली की जर्जर आर्थिक दुरावस्था को स्थिरता प्रदान करने केलिए बर्लुस्कोनी शीर्षासनलगा रहे है.चौतरफा संकट की स्थिति में इटालियन बांड्स भारी दवाव में आ चुके हैं.यूरो क्षेत्र का संकट लगातार फैलता जा रहा है.डालर के मुकाबले यूरो की विनिमय दर घटकर १.३६०९ यूरो रह गई है.इस ताज़ा उठापटक से यूरोपीय बाज़ारों में ५%से ज्यादा गिरावट रेखांकित की गई है.इटली के लिए स्थिति असहज हो चुकी है.आम जनता सड़कों पर निकल चुकी है,फ़्रांस में हड़तालों का दौर जारी है.
उधर अमेरिका में २००८ की आर्थिक मंदी की मार के घाव भरे भी न थे किअचानक चार-चार विशालकाय बैंक धराशाई होते चले गए.इनके सहित मौजूदा आर्थिक सत्र में भूलुंठित बेंकों कि संख्या ८४ हो चुकी है .अमेरिका में आभासी वित्त पूँजी की अनुपलब्धता की वजह से बेंकों का कारोबारी संकट आम हो चला है.इससे पहले २०१० में १५७ अमेरिकी बैंकें अपना बोरिया बिस्तर बाँध चुकी हैं.अपने असीमित अंतर्राष्ट्रीय हितों के बहाने ,आतंकवाद से लड़ाई के बहाने ,दुनिया भर में थानेदारी का रौब बरकरार रखने के फेर में अमेरिका पूंजीवादी साम्राज्यवाद का सूर्यास्त निकट है.वाल स्ट्रीट कब्ज़ा करो 'आन्दोलन इस दिशा में क्रांति की भोर का तारासावित हो सकता है.
श्रीराम तिवारी
ham logo ko isako rokane ke leye kuch bade kadam utane hoge.
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