इंकलाब ज़िंदाबाद !
progressive Articles ,Poems & Socio-political -economical Critque !
मंगलवार, 31 अगस्त 2021
कौने हरो मोरो जो नंदलाला,
भादों की रैन घटा घन घोर,
प्रगटे यदुनंदन गेंद खिलैया!
खेलत गेंद गिरी जमुना में सो,
कूँद परो मोरो कृष्ण कन्हैया!!
गोकुल गांव में टेर मची उत,
इत रोवत जात यशोदा जू मैया!
कौने हरो मोरो जो नंदलाला,
कौने हरी मोरी सोन चिरैया!!
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