इंकलाब ज़िंदाबाद !
progressive Articles ,Poems & Socio-political -economical Critque !
गुरुवार, 25 जून 2015
चार योगिनी बड़ीं -बड़ीं।
योग न भावे घणी -घणी।।
सत्ता खातिर नमो-नमो,
अब प्यारा है मनी -मनी ।
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